बैलगाड़ी चलाने वाले ने खड़ी की थी खुद की एयरलाइनंस, झोपड़ी में भी गुजारे दिन

captain gopinath

मुंबई. कैप्टन गोपीनाथ को देशभर में इसलिए जाना जाता है कि वे ही हवा में उड़ने के महंगे दामों को जमीन पर लाए थे। उनकी कहानी बैलगाड़ी चलाने से लेकर हवाई जहाज चलाने तक की है। वे हमेशा नया करने के बारे में सोचते रहते हैं। एक बार उन्होंने अपने पैतृक गांव में गधे से पानी की आपूर्ति करने का फैसला किया। लग रहा था कि लोगों को इससे पानी नहीं मिलेगा और गोपीनाथ हंसी का पात्र बन जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, गोपीनाथ के कामों से लोगों को लाभ हुआ। बता दें कि वे फिर से देश में लो कॉस्ट एयरलाइन शुरू करने की तैयारी में है। इंडियन आर्मी में रहे कैप्टन...

- सैनिक स्कूल से एनडीए में दाखिला होने के बाद वे सेना में चले गए। बांग्लादेश की लड़ाई में उन्होंने भाग लिया।
- 27 साल की उम्र में ही कैप्टन बन चुके थे, लेकिन नई चीजों के प्रति ललक के चलते सेना की नौकरी छोड़ने विचार मन में था।
- कश्मीर में 1974 में तैनात थे, तभी वे पहाड़ चढ़ते हुए असंतुलन के कारण 12 मीटर नीचे ग्लेशियर पर गिर पड़े। उनका एक हाथ टूट चुका था। उन्हें एयरलिफ्ट कर श्रीनगर के बेस हॉस्पिटल में लाया गया। यहां पर उनकी फिजियोथेरेपी हुई और तमाम इलाज के बाद वे ठीक हुए, लेकिन दिमाग में सेना छोड़ने का विचार और दृढ़ हो चला।
सेना छोड़ झोपड़ियों मे रहे

- 1979 में उनकी शादी भार्गवी से हो गई। वे सेना छोड़ चुके थे और खेती करने लगे थे। 6 साल तक केला, नारियल, सब्जियां और मोटा अनाज उगाने के लिए झोपड़ियों में रहे और खेती की।
- रेशम केंद्र का काम शुरू किया और आगे बढ़ने के बाद गांव वालों को यह काम सौंप दिया।
- बच्चियों के शिक्षण के लिए वे हासन आकर रहने लगे। खेती के काम के लिए वे गांव जाते। यहां से उन्होंने अपने विचारों को हकीकत में लाने के लिए प्रयोग करने शुरू कर दिए। जो भी पैसा खेती से कमाया जाता, उससे वे अलग-अलग काम कर लेते। जैसे मोटरसाइकल की डीलरशिप, होटल खरीदना, खेती की कंसलटेंसी करना। 1992 में वे बेंगलुरू आकर रहने लगे।
ऐसे शुरू हुई डक्कन एयरलाइंस
- बेंगलुरू में सेना के दिनों के उनके पुराने मित्र भी थे, उसमें से एक थे कैप्टन के जे सेमुअल। उन्होंने 40 की उम्र में ही सेना छोड़ दी थी और वे एक फ्रीलांस पायलट के तौर पर काम करते थे।
- सेमुअल उन दिनों कमर्शियल हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने पर विचार कर रहे थे। तब गोपीनाथ ने तय किया कि सेमुअल के साथ भागीदारी की जाए। ऐसे 1995 में डक्कन एविएशन की शुरुआत हुई।
- हेलिकॉप्टर के लिए राजनेताओं की यह पहली पसंद बन गया। जल्द ही गोपीनाथ ने तय किया कि क्यों न लोगों को सस्ती एयरलाइंस की सुविधाएं भी दी जाए।
- इसके पीछे मूल विचार था कि हर भारतीय अपने जीवनकाल में एक बार प्लेन में बैठ सके। डक्कन एविएशन सफल हो चुका था, तब गोपीनाथ ने डक्कन एयरलाइंस शुरू की।

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Authored By Unknown

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