
नई दिल्ली. इलेक्शन कमीशन ने दिल्ली नगर निगम के चुनावाें की तारीखों का एलान कर दिया है। 24 अप्रैल को वोटिंग होगी और 25 अप्रैल को काउंटिंग होगी। एमसीडी में इस बार आम आदमी पार्टी के मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। बता दें कि बीजेपी पिछले 10 सालों से एमसीडी पर काबिज है। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से कराने की मांग की है। शाह की निगरानी में चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी...
- बीजेपी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई है। पार्टी 10 सालों से दिल्ली की तीनों नगर निगमों- ईस्ट, नॉर्थ और साउथ पर काबिज है।
- तीनों नगर निगमों में कुल 272 सीटें हैं। इनमें से बीजेपी के पास 139 हैं।
- अमित शाह खुद चुनाव की तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। वो इन चुनावों को लेकर 19 मार्च को रामलीला मैदान में पार्टी वकर्स को एड्रेस करेंगे।
BJP मौजूदा पार्षदों को नहीं देगी टिकट
- एमसीडी मिशन के तहत बीजेपी ने नई स्ट्रैटजी बनाई है, जिसके तहत मौजूदा पार्षदों के टिकट काटे जाएंगे और नए चेहरों को उतारा जाएगा।
- दो दिन पहले वैंकया नायडू की दिल्ली बीजेपी लीडरशिप के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।
- इतना ही नहीं पार्षदों के रिश्तेदारों को भी इसका मौका नहीं दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मौजूदा पार्षदों को लेकर लोगों की नाराजगी से निपटा जा सके।
- एमसीडी मिशन के तहत बीजेपी ने नई स्ट्रैटजी बनाई है, जिसके तहत मौजूदा पार्षदों के टिकट काटे जाएंगे और नए चेहरों को उतारा जाएगा।
- दो दिन पहले वैंकया नायडू की दिल्ली बीजेपी लीडरशिप के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।
- इतना ही नहीं पार्षदों के रिश्तेदारों को भी इसका मौका नहीं दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मौजूदा पार्षदों को लेकर लोगों की नाराजगी से निपटा जा सके।
एमसीडी चुनाव से है कांग्रेस को उम्मीदें
- विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार के बाद पिछले साल हुए 13 वार्डों के उपचुनाव कांग्रेस के लिए राहत की खबर लेकर आए थे।
- 13 में से आप और कांग्रेस ने पांच-पांच सीटें जीती थीं जबकि निगम पर काबिज बीजेपी सिर्फ 3 वार्डों पर जीत दर्ज करा सकी थी।
- इसके अलावा कांग्रेस का यह भी मानना है कि जहां बीजेपी पर एमसीडी में अपनी 10 साल की सत्ता बचाने का दबाव रहेगा, वहीं दूसरी ओर आप पर दिल्ली असेंबली का प्रदर्शन दोहराने का दबाव होगा।
- एमसीडी चुनाव को लेकर पार्टी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वाइस प्रेसीडेंट राहुल गांधी ने मंगलवार (7 मार्च)को रामलीला मैदान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।
- विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार के बाद पिछले साल हुए 13 वार्डों के उपचुनाव कांग्रेस के लिए राहत की खबर लेकर आए थे।
- 13 में से आप और कांग्रेस ने पांच-पांच सीटें जीती थीं जबकि निगम पर काबिज बीजेपी सिर्फ 3 वार्डों पर जीत दर्ज करा सकी थी।
- इसके अलावा कांग्रेस का यह भी मानना है कि जहां बीजेपी पर एमसीडी में अपनी 10 साल की सत्ता बचाने का दबाव रहेगा, वहीं दूसरी ओर आप पर दिल्ली असेंबली का प्रदर्शन दोहराने का दबाव होगा।
- एमसीडी चुनाव को लेकर पार्टी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वाइस प्रेसीडेंट राहुल गांधी ने मंगलवार (7 मार्च)को रामलीला मैदान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।
आप के लिए क्यों अहम हैं यह चुनाव?
-विधानसभा चुनाव में एतिहासिक कामयाबी हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी किसी भी तरह से दिल्ली से अपनी पकड़ ढीली नहीं करना चाहती है।
-गोवा-पंजाब में मिली करार हार के बाद तो उसके लिए इन चुनावों की जीतना और भी जरूरी है।
-पार्टी भी स्थिति को भांप चुकी है पहले ही दिल्ली में चुनाव की तैयारियों में जुट गई है।
-विधानसभा चुनाव में एतिहासिक कामयाबी हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी किसी भी तरह से दिल्ली से अपनी पकड़ ढीली नहीं करना चाहती है।
-गोवा-पंजाब में मिली करार हार के बाद तो उसके लिए इन चुनावों की जीतना और भी जरूरी है।
-पार्टी भी स्थिति को भांप चुकी है पहले ही दिल्ली में चुनाव की तैयारियों में जुट गई है।

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