बीजिंग. भारत से मुकाबले के लिए चीन ने पाकिस्तान के साथ बैलेस्टिक मिसाइल बनाने का फैसला किया है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ इन दिनों चीन की ऑफिशियल विजिट पर हैं। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान के साथ मिसाइलें बनाने के चीन के फैसले को भारत की अग्नि-5 से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि भारत की न्यूक्लियर मिसाइल अग्नि-5 20 मिनट के अंदर पांच हजार किलोमीटर तक जा सकती है। इसकी रेंज में पूरा चीन आता है। क्या है चीन का प्लान...
- चीन के ऑफिशियल मीडिया के मुताबिक, बीजिंग पाकिस्तान के साथ बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल बनाने के प्लान पर काम कर रहा है। इसके अलावा वो अलग से बड़े पैमाने पर आर्मी एयरक्राफ्ट भी बना रहा है। हालांकि, चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा है कि वो साउथ एशिया में स्ट्रैटजिक बैलेंस बनाए रखना चाहता है।
- चीन आर्मी के स्पोक्सपर्सन हुआ चुनियांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा- पाकिस्तान आर्मी चीफ ने अपने काउंटरपार्ट से बातचीत की है। हालांकि, मुलाकात के बाद जारी बयान में बैलेस्टिक मिसाइल प्रोडक्शन के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
ग्लोबल टाइम्स ने क्या कहा?
- चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- दोनों देश डिफेंस कोऑपरेशन बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। इसमें बैलेस्टक, क्रूज मिसाइलों के अलावा बड़े पैमाने पर फाइटर प्लेन भी बनाए जा सकते हैं।
- पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने यहां चीन के बड़े अफसरों से मुलाकात की है। खास बात ये है कि चीन की ऑफिशियल मीडिया ने पहली बार ये माना है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर बैलेस्टक मिसाइल जैसे खतरनाक हथियार बना सकते हैं। डिफेंस के लिए फिलहाल, पाकिस्तान चीन पर ही डिपेंड है।
- हालांकि, मिसाइलों के प्रोडक्शन पर चीन ने कहा कि वो इस बारे में यूएन रिजोल्यूशंस को मानने पर जोर देता रहेगा।
- चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- दोनों देश डिफेंस कोऑपरेशन बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। इसमें बैलेस्टक, क्रूज मिसाइलों के अलावा बड़े पैमाने पर फाइटर प्लेन भी बनाए जा सकते हैं।
- पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने यहां चीन के बड़े अफसरों से मुलाकात की है। खास बात ये है कि चीन की ऑफिशियल मीडिया ने पहली बार ये माना है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर बैलेस्टक मिसाइल जैसे खतरनाक हथियार बना सकते हैं। डिफेंस के लिए फिलहाल, पाकिस्तान चीन पर ही डिपेंड है।
- हालांकि, मिसाइलों के प्रोडक्शन पर चीन ने कहा कि वो इस बारे में यूएन रिजोल्यूशंस को मानने पर जोर देता रहेगा।
एक्सपर्ट का रुख क्या?
- चीन आर्मी में काम कर चुके सोंग झोंगपिंग ने कहा- अगर पाकिस्तान और चीन के डिफेंस रिलेशंस में गहराई आती है तो ये दोनों के लिए अच्छी बात है। चीन पाक के साथ मिलकर बैलेस्टिक, क्रूज, एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी शिप मिसाइल बना सकता है। ये दोनों देशों के एजेंडा में भी है।
- चीन में पाकिस्तान के एम्बेसडर मसूद खालिद ने चीन पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर का जिक्र किया। कहा- सीपैक की सिक्युरिटी के लिए हमने 15 हजार जवानों को इसकी सिक्युरिटी के लिए तैनात किया है। ग्वादर पोर्ट के लिए भी स्पेशल फोर्स तैयार की गई है।
- मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन भी ग्वादर पोर्ट की सिक्युरिटी के लिए एडिशनल फोर्स तैनात कर सकता है।
- चीन आर्मी में काम कर चुके सोंग झोंगपिंग ने कहा- अगर पाकिस्तान और चीन के डिफेंस रिलेशंस में गहराई आती है तो ये दोनों के लिए अच्छी बात है। चीन पाक के साथ मिलकर बैलेस्टिक, क्रूज, एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी शिप मिसाइल बना सकता है। ये दोनों देशों के एजेंडा में भी है।
- चीन में पाकिस्तान के एम्बेसडर मसूद खालिद ने चीन पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर का जिक्र किया। कहा- सीपैक की सिक्युरिटी के लिए हमने 15 हजार जवानों को इसकी सिक्युरिटी के लिए तैनात किया है। ग्वादर पोर्ट के लिए भी स्पेशल फोर्स तैयार की गई है।
- मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन भी ग्वादर पोर्ट की सिक्युरिटी के लिए एडिशनल फोर्स तैनात कर सकता है।
क्यों खास है अग्नि?
- 1000 किलो तक वॉरहेड ले जा सकती है।
- 17 मीटर लंबी अग्नि-5 का वजन 50 टन है। लॉन्चिंग सिस्टम में कैनस्टर टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है। इसकी वजह से मिसाइल को आसानी से कहीं भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
- सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल को आसानी से डिटेक्ट नहीं किया जा सकता।
- मिसाइल की तीन स्टेज हैं। ये सॉलिड फ्यूल से चलती है। कई न्यूक्लियर वॉरहेड एक साथ छोड़े जा सकेंगे। एक बार छोड़ने पर इसे रोका नहीं जा सकेगा।
- 17 मीटर लंबी अग्नि-5 का वजन 50 टन है। लॉन्चिंग सिस्टम में कैनस्टर टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है। इसकी वजह से मिसाइल को आसानी से कहीं भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
- सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल को आसानी से डिटेक्ट नहीं किया जा सकता।
- मिसाइल की तीन स्टेज हैं। ये सॉलिड फ्यूल से चलती है। कई न्यूक्लियर वॉरहेड एक साथ छोड़े जा सकेंगे। एक बार छोड़ने पर इसे रोका नहीं जा सकेगा।
ये है भारत-पाक की ताकत
| भारतीय मिसाइलें | रेंज | पाकिस्तानी मिसाइलें | रेंज |
| अग्नि-5 | 5000 किलोमीटर | तैमूर (तैयार नहीं) | 5000 किलोमीटर |
| अग्नि-4 | 3500 किलोमीटर | शाहीन-3 | 2750 किलाेमीटर |
| अग्नि-3 | 3500 किलोमीटर | शाहीन-2 | 2000 किलोमीटर |
| अग्नि-1 | 700 किलोमीटर | शाहीन-1 | 700 किलोमीटर |
गिलगित-बाल्टिस्तान के मुद्दे पर चीन चुप
- पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवे प्रॉविन्स का दर्जा देने पर विचार कर रहा है। नवाज के एक मंत्री सैयद पीरजादा ने खुद इसकी पुष्टि की है। भारत ने पाकिस्तान को ऐसी किसी भी हरकत के लिए पहले ही वॉर्निंग दे दी है।
- हैरानी की बात ये है कि चीन ने पाकिस्तान के इस कदम के बारे में साफ तौर पर कुछ भी नहीं कहा। चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा- कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित मुद्दा है। दोनों देशों को इसे आपसी बातचीत से सुलझाना चाहिए।
- हैरानी की बात ये है कि चीन ने पाकिस्तान के इस कदम के बारे में साफ तौर पर कुछ भी नहीं कहा। चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री की स्पोक्सपर्सन ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा- कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित मुद्दा है। दोनों देशों को इसे आपसी बातचीत से सुलझाना चाहिए।
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