नई दिल्ली.योगी आदित्यनाथ यूपी के अगले सीएम होंगे। 44 साल के योगी रविवार को राज्य के तीसरे यंगेस्ट सीएम के तौर पर शपथ लेंगे। मजह 19 साल की उम्र में योगी अपना घर छोड़कर उत्तराखंड से गोरखपुर आ गए थे। गढ़वाल यूनिवर्सिटी से मैथ्स में बीएससी करने के बाद गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करना शुरू किया। हिन्दुओं के हक की बात करने वाले 'अजय सिंह' कैसे योगी आदित्यनाथ बने और फिर 26 साल की उम्र में सांसद तक पहुंचे।
1. योगी 22 की उम्र में संन्यासी बन गए
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह है। वह मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं। 5 जून, 1974 को उनका जन्म एक राजपूत परिवार में हुआ।
- गढ़वाल यूनिवर्सिटी से मैथ्स में एमएससी करने के बाद गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आ गए थे। यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह पर पड़ी।
- महंतजी के साथ रहते हुए धीरे-धीरे योगी का झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ने लगा। महज 22 साल की उम्र में सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ले लिया। जिसके बाद उन्हें नया नाम योगी आदित्यानाथ मिला।
- गढ़वाल यूनिवर्सिटी से मैथ्स में एमएससी करने के बाद गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने गोरखपुर आ गए थे। यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह पर पड़ी।
- महंतजी के साथ रहते हुए धीरे-धीरे योगी का झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ने लगा। महज 22 साल की उम्र में सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ले लिया। जिसके बाद उन्हें नया नाम योगी आदित्यानाथ मिला।
2. BSc. करते वक्त ABVP से जुड़ गए थे
-मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गढ़वाल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करते वक्त ही वह संघ की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गए थे। स्टूडेंट्स ग्रुप में उनका खासा दबदबा भी रहता था।
- अवैद्यनाथ योगी के स्प्रिचुअल फादर थे। उनके बाद योगी मठ के महंत बने। 1998 में 26 साल की उम्र में गोरखपुर सीट से पहली बार सांसद बने। 12वीं लोकसभा में यंगेस्ट मेंबर चुने गए थे। इसी सीट से लगातार 5 बार के सांसद हैं। योगी आदित्यनाथ हिंदू महासभा के प्रेसिडेंट भी हैं।
- बता दें कि योगी ने 2002 में हिंदू युवा वाहिनी के जरिए धर्मपरिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ी। 2007 में गोरखपुर में हुए दंगों में आरोपी थे और उनकी गिरफ्तारी भी हुई।
3. जब संसद में फूट-फूटकर रोए थे योगी
- योगी एक बार लोकसभा में यूपी पुलिस की बर्बरता का जिक्र करते हुए रो पड़े थे। तब राज्य में मुलायम सिंह यादव सीएम थे। इस दौरान गोरखपुर के सांसद आदित्यनाथ ने अपनी बात रखने के लिए स्पीकर सोमनाथ चटर्जी से इजाजत ली थी।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जनवरी 2007 में योगी के सपोर्टर राजकुमार अग्निहोत्री की झड़प के दौरान मौत हो गई थी। योगी उनसे मिलने जा रहे थे इसी दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पूर्वांचल के कई कस्बों में हिंसा भड़क गई थी।
- इसी मुद्दे पर योगी जब बोलने के लिए खड़े हुए और फूट-फूट कर रोने लगे। कुछ देर तक वे बोल ही नहीं पाए। फिर कहा कि सपा सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और उन्हें जान का खतरा है।
- योगी ने स्पीकर को बताया था कि गोरखपुर जाते हुए उन्हें शांतिभंग करने के आरोप में हिरासत में लिया और जिस मामले में उन्हें सिर्फ 12 घंटे बंद रखा जा सकता था, लेकिन 11 दिन जेल में रखा।
4. आजमगढ़ में हुआ था जानलेवा हमला
- 2008 में योगी पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला हुआ था। इस दौरान उनकी गाड़ियों के काफिले को हमलावरों ने घेर लिया और फायरिंग की थी। इस हमले में योगी बाल-बाल बच गए। इस दौरान वह आजमगढ़ के स्टूडेंट लीडर रह चुके अजित सिंह की तेरहवीं में शामिल होने जा रहे थे। कुछ लोगों ने अजित की हत्या की थी।
- बताया जाता है कि फायरिंग के दौराना हमलावर भीड़ के एक शख्स की मौत हो गई थी। उसके बाद आजमगढ़ और आसपास के इलाकों में इस घटना ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था। इस मामले में योगी के समर्थकों और उनके ऊपर कई मुकदमे हुए।
- यूपी पुलिस और पीएसी ने कई बार योगी के ठिकानों पर दबिश दी। उनके समर्थकों को बड़ी संख्या में जेल भेजा गया था। कई लोग पुलिस के डर से गांव छोड़कर पलायन कर गए।
- बताया जाता है कि फायरिंग के दौराना हमलावर भीड़ के एक शख्स की मौत हो गई थी। उसके बाद आजमगढ़ और आसपास के इलाकों में इस घटना ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था। इस मामले में योगी के समर्थकों और उनके ऊपर कई मुकदमे हुए।
- यूपी पुलिस और पीएसी ने कई बार योगी के ठिकानों पर दबिश दी। उनके समर्थकों को बड़ी संख्या में जेल भेजा गया था। कई लोग पुलिस के डर से गांव छोड़कर पलायन कर गए।
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