अमेरिका से रिश्ते खत्म: सीरिया हमले पर रूस; अभी और कार्रवाई होगी: US


यूनाइटेड नेशंस/मॉस्को/बेरुत. सीरियन एयरबेस पर यूएस के मिसाइल हमले से अमेरिका-रूस के बीच तनाव बढ़ गया है। रूसी पीएम दिमित्री मेदवेदेव ने साफ कहा है कि रूस के अमेरिका से रिलेशन करीब-करीब खत्म हो गए हैं। व्लादिमीर पुतिन ने भी कहा था, "अगर दोबारा हमला हुआ तो तो हमसे मुकाबला करना होगा।" बता दें कि यूएस वॉरशिप यूएसएस पोर्टर और यूएसएस रॉस ने शुक्रवार को मेडिटेरेनियन सी में 59 टॉमहॉक मिसाइलें दागी थीं। यूएन सिक्युरिटी काउंसिल ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग...
- न्यूज एजेंसी की खबरों के मुताबिक, मॉस्को ने अमेरिका की सीरिया पर मिसाइल दागने को इंटरनेशनल कानूनों का वॉयलेशन करार दिया था। बता दें अमेरिकी मिसाइलों ने सीरिया के अल-शयरात एयरबेस को निशाना बनाया था। इसमें 4 बच्चों समेत 9 लोगों की मौत हो गई थी।
- वहीं, शुक्रवार को सिक्युरिटी काउंसिल के 15 मेंबर की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई।
- यूएन में यूएस एम्बेसडर निक्की हेली ने कहा, "अमेरिका ने हमलों नियमों के तहत ही किया है। हम और भी हमले के लिए तैयार हैं।"
- "हमारी मिलिट्री ने उस एयरफील्ड को ध्वस्त कर दिया जहां से केमिकल अटैक को अंजाम दिया गया था। हमने काफी नापतौल के ये कदम उठाया था। आगे भी हमलों की हमारी तैयारी पूरी है, लेकिन उम्मीद है कि ये जरूरी नहीं होगा।"
- "अब वक्त है कि सभी सिविलाइज्ड देश सीरिया में हो रहे खून-खराबे को रोकने के लिए साथ आएं, ताकि कोई पॉलिटिकल सॉल्यूशन निकले।"
- "बशर अल-असद को मानवता को नुकसान पहुंचाने के लिए और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अब केवल ये कहने वक्त नहीं है कि 'बस, बहुत हो चुका।', अब एक्शन लेना है।"
- "माना जा रहा था रूस, सीरिया से केमिकल वेपन्स खत्म देगा लेकिन वह इसमें नाकामयाब रहा।"
- हालांकि अमेरिका समेत कई देशों में यूएस के सीरिया पर हमले का विरोध हो रहा है।
रूस ने क्या कहा?
- यूएन में रूस के डिप्टी एम्बेसडर व्लादिमीर सेफ्रोनकोव ने कहा, "हम अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। रीजनल और इंटरनेशनल स्टेबिलिटी बनाए रखने के लिए इसके गंभीर नतीजे होंगे।"
- सेफ्रोनकोव ने सीरिया में एक सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिशों पर अमेरिका समेत ब्रिटेन और फ्रांस की आलोचना की।
- उन्होंने कहा, "आपको रूस के खिलाफ अनप्रोफेशनल आरोप लगाना बंद करना चाहिए। इसे कतई डिप्लोमेटिक नहीं कहा जा सकता।"
- "मैं वॉर्निंग देना चाहता हूं कि अरब में लड़ने की कोशिश न करें। किसी को कुछ हासिल नहीं होगा। अरब मुल्क आपका पाखंड जानते हैं। बेहतर होगा कि अमेरिका तुरंत अपनी कार्रवाई बंद करे।"
हमारे पास केमिकल वेपन्स नहीं: सीरिया
- सीरिया के यूएन में एम्बेसडर मोन्जेर मोन्जेर ने अमेरिकी हमले को इंटरनेशनल और यूएन चार्टर का वॉयलेशन करार देते हुए जंगली बताया।
- उन्होंने कहा, "अमेरिका अपनी कार्रवाई को सही बताने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए वह तर्क दे रहा है कि सीरिया ने खान शेखौन में केमिकल अटैक किया। हम बताना चाहते हैं कि सीरिया के पास ने तो ये वेपन्स हैं। आगे भी हम इस तरह के हथियारों का विरोध करेंगे। "
कौन किसके सपोर्ट में?
-ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, तुर्की, जॉर्डन, सऊदी अरब, इटली, जापान, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड्स, इजरायल, स्पेन यूएस की कार्रवाई के सपोर्ट में हैं। ये सभी असद के खिलाफ हैं।
-रूस, ईरान, चीन सीरिया की असद सरकार को सपोर्ट कर रहे हैं।
क्या है हमले का मकसद?
- दोहा ब्रूकिंग्स सेंटर के डायरेक्टर सुल्तान बाराकत कहते हैं कि सीरिया में अमेरिका ने पहली बार सीधी दखल दी है। इसके पीछे ट्रम्प की मंशा सीरिया में बड़ी भूमिका निभाने की है। ताकि वे दुनिया को अपनी सख्त विदेश नीति को संदेश दे सकें। उनके हमले के आदेश को अब तक के सबसे कड़े फैसले के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या है सीरिया का संकट?
- 2011 में हुई एक छोटी-सी घटना ने सीरिया में सिविल वॉर का रूप ले लिया। कुछ मुट्ठीभर बच्चों की गिरफ्तारी से शुरू हुआ ये संघर्ष सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद दुनिया के लिए अब तक का सबसे बड़ा ह्यूमन क्राइसिस बन चुका है।
- जुलाई 2011 में सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए सीरियन आर्मी के अफसरों के एक ग्रुप ने सेना छोड़ फ्री सीरियन आर्मी का गठन किया।
- दिसंबर 2011 से लेकर 2012 तक जगह-जगह सुसाइड बम ब्लास्ट हुए। इसके बाद अल कायदा के लीडर अयमान अल जवाहिरी ने सीरियाई लोगों से जिहाद के लिए आगे आने की अपील की। बीते दो साल में आईएस ने भी अपने आतंकी भेजने शुरू कर दिए।
- 2013 में पहली बार सीरिया पर सारिन नाम के जहरीले नर्व एजेंट छोड़ने का आरोप लगा। तब यूएन समेत कुछ देशों ने बराक ओबामा से वहां हमले करने की बात कही थी।
- 2015 में रूस ने असद को सपोर्ट कर दिया। हालांकि, रूस और अमेरिका कहते रहे हैं कि उनका एक ही दुश्मन है- आईएसआईएस।
- असद के लिए सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) को रूस और ईरान सपोर्ट कर रहे हैं। वहीं, अमेरिका पर आरोप है कि वह असद के खिलाफ विद्रोहियों की मदद कर रहा है।
- प्रेसिडेंट बशर अल-असद के खिलाफ शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों और संघर्ष में अब तक करीब 4 लाख लोग अपनी जान गंवा चु


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Authored By Unknown

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