
लंदन.विजय माल्या को मंगलवार सुबह स्कार्टलैंड यार्ड पुलिस ने अरेस्ट किया। ऐसा कहा जा रहा है कि माल्या को वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया जाएगा। भारत लगातार माल्या को देश वापस लाने की कोशिश में जुटा हुआ है। माल्या पर भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ का कर्ज है। भारत सरकार उन्हें भगोड़ा करार दे चुकी है। बता दें कि विजय माल्या पिछले साल 2 मार्च को देश छोड़कर लंदन भाग गए थे।भारत ने यूके सरकार के सामने मदद मांगी थी...
- विजय माल्या पर मनी लॉन्ड्रिंग और बैंकों का 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज ना चुकाने का आरोप है। इन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ईडी) और सीबीआई को माल्या की तलाश है।
- प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) से जुड़े एक मामले में मुंबई की स्पेशल कोर्ट माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुकी थी। इसके लिए ईडी ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी। कई बार नोटिस के बावजूद माल्या पेश नहीं हुए।
- भारत ने विजय माल्या को भारत लाने के लिए यूके सरकार से मदद मांगी थी। बता दें कि भारत और यूके के बीच म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी है। भारत सरकार इसी के तहत माल्या को वापस लाने की कोशिश कर रही थी। इस ट्रीटी में दोनों देश आपराधिक मामलों में आरोपी लोगों को एक दूसरे देशों को सौंपने का करार है।
सीबीआई ने माल्या के अरेस्ट की पुष्टि की है
- सीबीआई ने विजय माल्या के लंदन में अरेस्ट की पुष्टि की है।
- केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं है।
ED-सीबीआई ने की माल्या को वापस लाने की मांग
- प्रत्यर्पण के लिए ईडी, 1992 में भारत और ब्रिटेन के बीच हुई म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (MLAT) को टूल के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। जांच एजेंसी माल्या के खिलाफ मुंबई कोर्ट से जारी हुए गैर-जमानती वारंट की तामीली के लिए इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री से अपील कर चुकी थी।
- MLAT के तहत दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में आरोपी शख्स को एक-दूसरे को सौंपा जा सकता है। सबूत देने और जांच में सहयोग करने के मकसद से आरोपी की कस्टडी भी शामिल है।
- मनी लॉन्ड्रिंग और लोन डिफॉल्ट केस में आईपीसी के सेक्शंस के तहत सीबीआई जांच के आधार पर फॉरेन मिनिस्ट्री ने भी माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की थी।
- MLAT के तहत दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में आरोपी शख्स को एक-दूसरे को सौंपा जा सकता है। सबूत देने और जांच में सहयोग करने के मकसद से आरोपी की कस्टडी भी शामिल है।
- मनी लॉन्ड्रिंग और लोन डिफॉल्ट केस में आईपीसी के सेक्शंस के तहत सीबीआई जांच के आधार पर फॉरेन मिनिस्ट्री ने भी माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की थी।
पूरे मामले को ऐसे समझें
किस फ्लाइट से दिल्ली से रवाना हुए?
- राज्यसभा के अटेंडेंस रिकॉर्ड के मुताबिक, विजय माल्या 1 मार्च को राज्यसभा में मौजूद थे। अगले ही दिन यानी 2 मार्च को वे देश से भागने में कामयाब हो गए।
- माल्या जेट एयरवेज की फ्लाइट से दिल्ली से लंदन गए।
- उन्होंने 2 मार्च को सुबह पौने बारह बजे एयरलाइन को फोन कर कहा कि वे ट्रैवल करने वाले हैं और दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर जेट की फ्लाइट 9W122 से लंदन रवाना हो गए। वे डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर दिल्ली से लंदन गए थे।
- माल्या जेट एयरवेज की फ्लाइट से दिल्ली से लंदन गए।
- उन्होंने 2 मार्च को सुबह पौने बारह बजे एयरलाइन को फोन कर कहा कि वे ट्रैवल करने वाले हैं और दोपहर एक बजकर 15 मिनट पर जेट की फ्लाइट 9W122 से लंदन रवाना हो गए। वे डिप्लोमैटिक पासपोर्ट पर दिल्ली से लंदन गए थे।
माल्या के केस में सर्कुलर कब जारी हुआ और कब बदला गया?
- सीबीआई ने 16 अक्टूबर 2015 को माल्या के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया।
- पहले सर्कुलर में इस बात का जिक्र था कि यदि माल्या देश छोड़ने की कोशिश करते हैं तो इमिग्रेशन अथॉरिटीज उन्हें डिटेन कर लें।
- दूसरे सर्कुलर में माल्या को डिटेन करने की शर्त हटा दी गई थी। सिर्फ उनके मूवमेंट पर नजर रखने का जिक्र था।
- सीबीआई ने एक बयान जारी कर कहा कि लोअर लेवल अफसर की गलती के कारण पहले सर्कुलर में डिटेंशन ऑर्डर जारी हुआ था।
- सीबीआई ने 16 अक्टूबर 2015 को माल्या के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया।
- पहले सर्कुलर में इस बात का जिक्र था कि यदि माल्या देश छोड़ने की कोशिश करते हैं तो इमिग्रेशन अथॉरिटीज उन्हें डिटेन कर लें।
- दूसरे सर्कुलर में माल्या को डिटेन करने की शर्त हटा दी गई थी। सिर्फ उनके मूवमेंट पर नजर रखने का जिक्र था।
- सीबीआई ने एक बयान जारी कर कहा कि लोअर लेवल अफसर की गलती के कारण पहले सर्कुलर में डिटेंशन ऑर्डर जारी हुआ था।
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