आपके देश में कभी माइनॉरिटी PM-प्रेसिडेंट या क्रिकेट कैप्टन रहे? भारत ने PAK से पूछा

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जिनेवा/नई दिल्ली. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह उसके खिलाफ जबर्दस्ती की दुश्मनी वाला माहौल खत्म करे और कश्मीर से अपना कब्जा हटा ले। भारत ने बुधवार को जिनेवा में यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल के एक सेशन में कहा- पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकवाद की फैक्ट्री बन गया है। वो हमारे यहां माइनॉरिटीज की हालत पर सवाल उठाता है। लेकिन क्या उसके मुल्क में कभी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, फिल्म स्टार्स या क्रिकेट कैप्टन माइनॉरिटी कम्युनिटी से निकलकर आए? पाकिस्तान की किस बात पर भारत ने दिया जवाब...
- दरअसल, पाकिस्तान ने बुधवार को UNHRC में भारत में माइनॉरिटी कम्युनिटी के लोगों की हालत का जिक्र किया था और उनके ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन का आरोप लगाया था।
- जवाब देने के अपने हक का इस्तेमाल करते हुए भारत के डिप्लोमैट्स ने कहा, ''पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकवाद की फैक्ट्री तो बन ही गया है, इसके अलावा उसने हिंदुओं, ईसाइयों, शिया, अहमदिया और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर अपने ही लोगों को अलग-थलग कर दिया है।''
- ''भारतीय डिप्लोमैट्स ने कहा कि यूएन की इस काउंसिल में पाकिस्तान ने भारत में अल्पसंख्यकों के हालात का जिक्र किया। हम बताना चाहेंगे कि भारत में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर्स, सीनियर सिविल सर्वेंट्स, क्रिकेट कैप्टन्स, बॉलीवुड सुपरस्टार्स माइनॉरिटी कम्युनिटी से आते हैं। क्या पाकिस्तान में हमें इसकी कोई छोटी-सी छाप भी नजर आ सकती है? आपके पास तो बस ईशनिंदा कानून हैं। आपके यहां सिर्फ ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन होता है।''
भारत के कश्मीर और PoK में ये है फर्क
- यूएन में भारत के डिप्लोमैट्स ने कहा- हम यह भी मांग करते हैं कि पाकिस्तान तुरंत कश्मीर से अपना अवैध कब्जा हटाए। अफसाेस की बात है कि हाल ही के दिनों में यह देखने में आया है कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी वारदातें बढ़ी हैं। वहां काफी ज्यादा आर्थिक दिक्कतें हैं। पाक की भेदभाव वाली नीतियों के चलते वहां के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
- भारत ने कहा कि हमारे हिस्से वाले जम्मू कश्मीर में सेकुलर डेमोक्रेसी है। वहां एक इंडिपेंडेंट ज्यूडिशियरी है। वहां एक्टिव मीडिया है और वाइब्रेंट सिविल सोसायटी है। इसके उलट पाक के कब्जे वाला हिस्सा दुनियाभर में आतंक को एक्सपोर्ट करने का ठिकाना बन गया है। हम कभी भी जम्मू कश्मीर के लोगों की डेमोक्रेटिक आवाज को दबाने की पाकिस्तान की कोशिशों को मंजूर नहीं करेंगे।
हमारे मामले में दखल ना दें
- डिप्लोमैट्स ने कहा कि हम पाकिस्तान से कहना चाहते हैं कि वह भारत के किसी भी हिस्से में आतंक और हिंसा को भड़काना और उसे बढ़ावा देना बंद करे। वह हमारे देश के अंदरूनी मामलों में दखल देना भी बंद करे।
- उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू कश्मीर से जुड़े हमारे अंदरूनी मामलों में दखल देने के लिए इस काउंसिल का गलत इस्तेमाल किया है। जम्मू कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। वहां ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन हो रहा है। ऑब्जर्वर्स को यह बात माननी होगी।
पाकिस्तान का दोहरा रवैया
- डिप्लोमैट्स ने कहा कि जम्मू कश्मीर में मौजूद आतंकी समूहों को पाकिस्तान का सपोर्ट ही वहां रहने वाले लोगों के ह्यूमन राइट्स को बचाए रखने के सामने सबसे बड़ा चैलेंज है। पाकिस्तान अपने देश के बाहर और अंदर मौजूद आतंकी समूहों से निपटने के मामले में दोहरी सोच रखता है। कई वादों के बावजूद वह सचाई को नहीं मानता।
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Authored By Unknown

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