फ्लोर टेस्ट में जीते पर्रिकर, वोटिंग में हिस्सा न लेने वाले MLA राणे ने कांग्रेस छोड़ी

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पणजी.मनोहर पर्रिकर ने गोवा असेंबली में गुरुवार को हुए फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर दिया। उन्हें 22 विधायकों ने समर्थन दे दिया। जबकि 16 विधायकों ने उनके विरोध में वोट डाले। 40 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 21 वोटों की जरूरत थी। वहीं, कांग्रेस नतीजे के 5 दिन बाद में सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा जुटाने में नाकामयाब रही। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को असेंबली में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। इस बीच, वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने वाले कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। दिग्विजय सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए...

- पर्रिकर ने कहा, "दिग्विजय सिंह का ये दावा कि उनके पास सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या है, झूठा साबित हो गया। मैं शुरुआत से ही कह रहा था कि उनके पास आंकड़ा नहीं है। लिहाजा दिग्विजय को कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी पोस्ट से इस्तीफा दे देना चाहिए।"
- "ये कोएलिशन की सरकार है। फैसले भी गठबंधन ही लेगा। हर विधायक आया और उसने वोट किया। किसी को भी होटल के रूम या किसी गुप्त स्थान पर नहीं रखा गया था, जैसा कि अपोजिशन दावा कर रहा था।"
- "आरोप उन्हीं लोगों ने लगाए जो रंगीन चश्मा पहने हुए थे।"
- बता दें कि कांग्रेस के विश्वजीत राणे वोटिंग में गैरहाजिर रहे। वे विधायक पद की शपथ लेकर चले गए थे।
राणे ने छोड़ी कांग्रेस
- न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, विश्वजीत राणे ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इसकी वजह उन्होंने पार्टी लीडरशिप का सरकार बनाने में फेल रहने को बताया है।
- उन्होंने कहा, "मुझे कांग्रेस से कुछ नहीं चाहिए। कांग्रेस ने गोवा के लोगों का भरोसा तोड़ दिया। मैं इस पार्टी से थक चुका हूं। अब क्या करना है, इसका फैसला नहीं लिया है। लेकिन मैं अपने लोगों के पास वापस जा रहा हूं।"
- हालांकि प्रो-टेम स्पीकर ने राणे से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
बीजेपी को मिली 13 सीटें
- नरेंद्र मोदी ने 2014 में पर्रिकर को गोवा से दिल्ली बुलाया और डिफेंस मिनिस्टर बना दिया, लेकिन हालिया असेंबली इलेक्शन में बीजेपी का गोवा में परफॉर्मेंस पहले की तरह बेहतर नहीं रहा। उसे 13 सीटें मिलीं, लेकिन दूसरी पार्टियों के सपोर्ट से बीजेपी ने सरकार बना ली।
- कांग्रेस यहां 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। लेकिन कांग्रेस गवर्नर को मेजॉरिटी का लेटर नहीं दे पाई। लिहाजा, गवर्नर ने बीजेपी को सरकार बनाने का ऑफर दिया।
- कांग्रेस इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन कोर्ट ने उसे फटकार लगाई। कहा कि आप पहले गवर्नर के पास क्यों नहीं गए? कोर्ट ने बीजेपी को 16 मार्च को मेजॉरिटी साबित करने को कहा।
किसका सपोर्ट पर्रिकर के साथ?
- 61 साल के पर्रिकर IITian हैं। वो चौथी बार गोवा के सीएम बने हैं। पर्रिकर को उनकी सादगी और क्लीन इमेज के लिए जाना जाता है। 
- गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार का सपोर्ट किया है। 
- बहुमत साबित करने को लेकर पर्रिकर बुधवार को चिंता में नहीं दिखे। उन्होंने ब्यूरोक्रेट्स के साथ मीटिंग की। 
- दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कावेलकर से जब फ्लोर टेस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इंतजार कीजिए और देखिए, क्या होता है।
शिवसेना का बीजेपी पर तंज
- महाराष्ट्र और केंद्र में सरकार में शामिल शिवसेना ने गोवा की घटनाओं को लेकर बीजेपी पर तंज कसा। कहा- "गोवा में जो कुछ हुआ, वो लोकतंत्र की हत्या है।" 
- शिवसेना ने अपने माउथपीस सामना में कहा, "कांग्रेस गोवा में सरकार नहीं बना पाई, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि बीजेपी ने वहां जो किया, वो सही था। गोवा में आज फ्लोर टेस्ट के जरिए मेजॉरिटी तय हो जाएगी, लेकिन जो कुछ हुआ वो लोकतंत्र की हत्या है।"
गोवा असेंबली में क्या स्थिति है?
पार्टी विधायक
- कांग्रेस - 17
- बीजेपी - 13
- जीएफपी- 03
- एमजीपी - 03
- एनसीपी - 01
- निर्दलीय- 02
- पर्रिकर को बीजेपी के 13 विधायकों के अलावा जीएफपी के 3, एमजीपी के 3, निर्दलीय 2 और एनसीपी के 1 विधायक ने सपोर्ट दिया है। इस तरह पर्रिकर कांग्रेस के 17 विधायकों को छोड़कर असेंबली के बाकी बचे सारे विधायकों का सपोर्ट हासिल कर चुके हैं।

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Authored By Unknown

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