इंटरनेशनल डेस्क. प्रॉस्टिट्यूशन पूरे दुनिया में फैला हुआ है, लेकिन इसमें बांग्लादेश का नाम सबसे ऊपर आता है, प्रोस्टिट्यूशन को लीगल माना जाता है। यहां के तंगेल जिले के कांडापारा वेश्यालय को देश का सबसे पुराना (लगभग 200 साल) और दूसरा सबसे बड़ा वेश्यालय बताया जाता है। बांग्लादेश का सबसे पुराना और दूसरा बड़ा रेड लाइट एरिया है। यहां हजारों की तादात में महिलाएं और बच्चियां वेश्यावृत्ति में लिप्त हैं। बड़ी दिखने के लिए बच्चियों को दी जाती है खतरनाक दवाई...
- कांडापारा की तंग गलियों में हजारों औरतें प्रॉस्टिट्यूशन के दलदल में बुरी तरह धंसी हैं।
- यहां यहां कई लड़कियां ऐसी हैं, जो यहीं पर पैदा हुईं और इसके बाद वे भी इस धंधे में आ गईं।
- इन बच्चियों को यह भी नहीं पता होता कि उनका पिता कौन है। इसके चलते इनकी दुनिया सिर्फ यहीं तक सीमित है।
- इसके अलावा ज्यादातर लड़कियां ट्रैफिकिंग की शिकार हैं, जिन्हें बांग्लादेश के दूसरे एरिए से लाकर यहां बेच दिया जाता है।
- यहां इतनी जबर्दस्त सिक्युरिटी होती है कि कोई भी लड़की भाग नहीं सकती। सिर्फ कस्टूमर के साथ ही बाहर जाया जा सकता है।
- इतना ही नहीं, बड़ी दिखने के लिए यहां 10 से 13 साल की बच्चियों को ओराडेक्शन नाम की खतरनाक दवाई दी जा ती है, जो हेल्थ के लिए खतरनाक है।
- लड़िकयों के लिए रोजाना या मंथली के हिसाब से पैसा कमाने का टार्गेट दिया जाता है, जबकि इसके बदले में उन्हें 400 से 500 रुपए ही मिलते हैं।
- यहां यहां कई लड़कियां ऐसी हैं, जो यहीं पर पैदा हुईं और इसके बाद वे भी इस धंधे में आ गईं।
- इन बच्चियों को यह भी नहीं पता होता कि उनका पिता कौन है। इसके चलते इनकी दुनिया सिर्फ यहीं तक सीमित है।
- इसके अलावा ज्यादातर लड़कियां ट्रैफिकिंग की शिकार हैं, जिन्हें बांग्लादेश के दूसरे एरिए से लाकर यहां बेच दिया जाता है।
- यहां इतनी जबर्दस्त सिक्युरिटी होती है कि कोई भी लड़की भाग नहीं सकती। सिर्फ कस्टूमर के साथ ही बाहर जाया जा सकता है।
- इतना ही नहीं, बड़ी दिखने के लिए यहां 10 से 13 साल की बच्चियों को ओराडेक्शन नाम की खतरनाक दवाई दी जा ती है, जो हेल्थ के लिए खतरनाक है।
- लड़िकयों के लिए रोजाना या मंथली के हिसाब से पैसा कमाने का टार्गेट दिया जाता है, जबकि इसके बदले में उन्हें 400 से 500 रुपए ही मिलते हैं।
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