
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी सीएम सिलेक्शन प्रोसेस में बिजी है। रेस में कई नाम आगे चल रहे हैं। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स में राजनाथ सिंह को सबसे आगे माना जा रहा है। हालांकि, राजनाथ इससे इत्तफाक नहीं रखते। बुधवार को मीडिया ने संसद परिसर में राजनाथ से पूछा कि सर, खबरों में आपका नाम सबसे आगे चल रहा है। इस पर राजनाथ बोले- ''अरे, फालतू बात है। सब अनावश्यक है।'' इस बीच, बीजेपी ने गुरुवार सुबह संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। इसमें यूपी और उत्तराखंड में सीएम के नाम पर फैसला होगा। इनकार की मुद्रा में सिर हिलाया....
- जब मीडिया ने दोबारा पूछा तो बोले- ''क्या फालतू बात है?'' उनसे जब फिर पूछा कि क्या यूपी नहीं जाएंगे? तो वे इनकार की मुद्रा में संसद के अंदर चले गए।
- बता दें कि 11 मार्च को नतीजे आने के बाद अमित शाह ने खुद राजनाथ से घर जाकर मुलाकात की थी। इसके बाद कयास तेज हो गए थे कि वो यूपी के सीएम बन सकते हैं। हालांकि, बीजेपी और राजनाथ दोनों ने ही इस बारे में अब तक कुछ साफ नहीं किया है।
इन 6 नामों की हो रही है चर्चा
1# राजनाथ सिंह
- राजनाथ अटल बिहारी वाजपेयी के संसदीय क्षेत्र रहे लखनऊ से सांसद हैं और केंद्रीय गृह मंत्री हैं। वे पॉलिटिक्स के मंजे हुए खिलाड़ी कहे जाते हैं। संघ में भी उनकी पकड़ है। उन्हें संगठन और सत्ता, दोनों का काफी एक्सपीरियंस है। वे प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सवर्णों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी उन्हें सीएम के तौर पर केंद्र से यूपी भेज सकती है।
2# मनोज सिन्हा
- केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी सीएम पद की रेस में हैं। पूर्वांचल क्षेत्र में वे एक जाना-माना नाम हैं और उस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। मनोज सिन्हा को लेकर पिछले एक साल से चर्चाएं तेज हैं कि वे यूपी का सीएम फेस हो सकते हैं। गाजीपुर से तीन बार सांसद रहे मनोज सिन्हा सिविल इंजीनियिरिंग से एमटेक हैं।
- वे संगठन में 1989 से 1996 तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रह चुके हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी मनोज पूर्वांचल से आते हैं, जहां मोदी का सबसे ज्यादा फोकस रहा है। पीएम बतौर रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के काम की तारीफ भी कर चुके हैं।
3# डॉ. दिनेश शर्मा
- बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लखनऊ के मेयर डॉ. दिनेश शर्मा केंद्रीय मंत्री उमा भारती के करीबी माने जाते हैं। वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें बीजेपी के सदस्यता अभियान का प्रमुख बनाया गया था, जिसके बाद बीजेपी दुनिया की सबसे ज्यादा सदस्यों वाली पार्टी बनी।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में वे लखनऊ में राजनाथ सिंह के चुनाव कन्वीनर भी रह चुके हैं। साथ ही, मोदी के भी काफी करीबी माने जाते हैं। खास बात ये है कि शर्मा की ससुराल भी गुजरात में है। 2006 में अटल बिहारी वाजपेयी ने भी अपना आखिरी भाषण दिनेश शर्मा को चुनाव जिताने के लिए दिया था।
4# केशव प्रसाद मौर्या
- केशव प्रसाद मौर्या मोदी और अमित शाह, दोनों की पसंद हैं। वह 2012 में विधानसभा सदस्य चुने जाने के बाद 2014 का लोकसभा चुनाव फूलपुर से जीते। इसके बाद उन्हें यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई।
- मौर्या संघ के अलावा विहिप और बजरंग दल जैसे संगठनों में भी काम कर चुके हैं। वे विहिप अध्यक्ष अशोक सिंघल के काफी नजदीकी हुआ करते थे।
5# योगी आदित्यनाथ
- यूपी में योगी आदित्यनाथ बीजेपी के फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते हैं। पहले वे पूर्वांचल तक ही सीमित थे, लेकिन इस चुनाव से पहले पार्टी ने उनसे वेस्ट यूपी में भी जमकर प्रचार कराया है। योगी का नाम काफी समय से सीएम फेस के लिए सामने आ रहा है।
6# सिद्धार्थनाथ सिंह
- सिंह नेशनल सेक्रेटरी हैं और लाल बहादुर शास्त्री के नाती हैं। वे केशव मौर्या या मनोज सिन्हा की तरह सांसद नहीं बल्कि इस बार चुनाव जीते हुए विधायक हैं। वे पश्चिम बंगाल में बीजेपी का प्रभार देख चुके हैं। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का परफॉर्मेंस सुधरा था।
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