
मुंबई. कांग्रेस की 17 सीटों के मुकाबले महज 13 सीटें जीतने वाली बीजेपी गोवा में सरकार बनाने में कैसे कामयाब हो गई? इस सवाल का जवाब खुद गोवा बीजेपी के प्रभारी नितिन गडकरी ने गुरुवार को दिया। गडकरी ने बताया कि 11 मार्च को नतीजा सामने आने के बाद अमित शाह ने उनसे मुलाकात की और कहा कि गोवा में हमें सरकार बनानी है। गडकरी बोले, "शाह के कहने पर मैं तुरंत गोवा रवाना हुआ।" गोवा में गडकरी के साथ बीजेपी और उसे सपोर्ट करने वाले लीडर्स रातभर जागे। इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस से सरकार बनाने का मौका छीनने का रास्ता निकाल लिया। बता दें कि पर्रिकर ने गोवा असेंबली में गुरुवार को ही हुआ फ्लोर टेस्ट 16 के मुकाबले 22 वोटों से जीत लिया। गोवा में सरकार बनाने की सिलसिलेवार कहानी...
1) 11 मार्च, शाम 7 बजे
- गडकरी ने मुंबई में मीडिया को बताया, "नतीजों वाले दिन अमित शाहजी का मेरे पास फोन आया। हम दिल्ली में थे। उनके फोन आने के 30-35 मिनट के बीच हम शाम 7 बजे उनके घर पहुंचे। गोवा की पॉलिटिकल सिचुएशन पर डीटेल में चर्चा की। मैंने उन्हें बताया हमारे पास आंकड़े नहीं हैं। अमित शाह ‘ना’ में जवाब नहीं सुनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि गोवा में हमें सरकार बनानी है। उन्होंने मुझे तुरंत रवाना होने को कहा।"
- गडकरी ने मुंबई में मीडिया को बताया, "नतीजों वाले दिन अमित शाहजी का मेरे पास फोन आया। हम दिल्ली में थे। उनके फोन आने के 30-35 मिनट के बीच हम शाम 7 बजे उनके घर पहुंचे। गोवा की पॉलिटिकल सिचुएशन पर डीटेल में चर्चा की। मैंने उन्हें बताया हमारे पास आंकड़े नहीं हैं। अमित शाह ‘ना’ में जवाब नहीं सुनना चाहते थे। उन्होंने कहा कि गोवा में हमें सरकार बनानी है। उन्होंने मुझे तुरंत रवाना होने को कहा।"
2) 11 मार्च, 9-11 बजे के बीच
- गडकरी ने कहा, "पणजी पहुंचते ही लीडर्स के डेलीगेशन ने मुझसे मुलाकात की और मुझे बताया कि पर्रिकर का डिफेंस मिनिस्ट्री से इस्तीफा देकर गोवा आना ठीक नहीं रहेगा। मैंने इस बारे में मनोहर पर्रिकर से भी बात की। संभावित अलायंस करने वालों ने सपोर्ट की इच्छा जाहिर की। लेकिन, शर्त रखी कि पर्रिकर को चीफ मिनिस्टर बनाया जाए। इसी गुणा-भाग में पूरी रात जागते-जागते बीती।"
- गडकरी ने कहा, "पणजी पहुंचते ही लीडर्स के डेलीगेशन ने मुझसे मुलाकात की और मुझे बताया कि पर्रिकर का डिफेंस मिनिस्ट्री से इस्तीफा देकर गोवा आना ठीक नहीं रहेगा। मैंने इस बारे में मनोहर पर्रिकर से भी बात की। संभावित अलायंस करने वालों ने सपोर्ट की इच्छा जाहिर की। लेकिन, शर्त रखी कि पर्रिकर को चीफ मिनिस्टर बनाया जाए। इसी गुणा-भाग में पूरी रात जागते-जागते बीती।"
3) 11 मार्च, रात 1.30 बजे
- गडकरी ने बताया, "रात 1.30 बजे के एमजीपी के सुदिन धवलीकर ने मुझसे मुलाकात की। मैं उन्हें लंबे समय से जानता था। हमने चर्चा की और उन्होंने हमें सपोर्ट करने की बात कही। उनके बाद मिलने वाले गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई थे।"
- गडकरी ने बताया, "रात 1.30 बजे के एमजीपी के सुदिन धवलीकर ने मुझसे मुलाकात की। मैं उन्हें लंबे समय से जानता था। हमने चर्चा की और उन्होंने हमें सपोर्ट करने की बात कही। उनके बाद मिलने वाले गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई थे।"
4) 12 मार्च, सुबह 5 बजे
- उन्होंने कहा, "सुबह 5 बजे एमजीपी और जीपीएफ ने एक शर्त रखी। कहा- बीजेपी को सपोर्ट तभी करेंगे जब पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।"
- उन्होंने कहा, "सुबह 5 बजे एमजीपी और जीपीएफ ने एक शर्त रखी। कहा- बीजेपी को सपोर्ट तभी करेंगे जब पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।"
5) 12 मार्च, सुबह 5.15 बजे
- गडकरी के मुताबिक, "मैंने अमित शाह को सुबह 5.15 मिनट पर कॉलकर उठाया और इस बारे में बताया। मैंने कहा कि मैं इस बारे में फैसला नहीं कर पा रहा हूं और आपकी सलाह चाहता हूं। उन्होंने कहा कि प्राइम मिनिस्टर अभी सो रहे हैं। मैं उन्हें 7 बजे फोन करूंगा। अगर पर्रिकर को गोवा भेजना है तो फैसला बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड करेगा और पर्रिकर की राय भी जानी जाएगी।"
- गडकरी के मुताबिक, "मैंने अमित शाह को सुबह 5.15 मिनट पर कॉलकर उठाया और इस बारे में बताया। मैंने कहा कि मैं इस बारे में फैसला नहीं कर पा रहा हूं और आपकी सलाह चाहता हूं। उन्होंने कहा कि प्राइम मिनिस्टर अभी सो रहे हैं। मैं उन्हें 7 बजे फोन करूंगा। अगर पर्रिकर को गोवा भेजना है तो फैसला बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड करेगा और पर्रिकर की राय भी जानी जाएगी।"
6) 12 मार्च, सुबह 8.30 बजे
- गडकरी ने बताया, "अमित शाह ने 8.30 बजे सुबह फोन किया। उन्होंने कहा कि मैंने पीएम और दूसरे नेताओं से बात की। सभी का कहना है कि अगर हम गोवा में सरकार बना सकते हैं और पर्रिकर राजी हैं तो हमें ऐसा करना चाहिए।"
- गडकरी ने बताया, "अमित शाह ने 8.30 बजे सुबह फोन किया। उन्होंने कहा कि मैंने पीएम और दूसरे नेताओं से बात की। सभी का कहना है कि अगर हम गोवा में सरकार बना सकते हैं और पर्रिकर राजी हैं तो हमें ऐसा करना चाहिए।"
और... कांग्रेस से छीन लिया सरकार बनाने का मौका
- गडकरी कहते हैं कि पर्रिकर को राजी करना पार्टी के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था, क्योंकि वो अक्सर कहा करते थे कि दिल्ली में उनके दोस्त नहीं है और उन्हें गोवा के खाने की याद आती है। एमजीपी, जीएफपी और इंडिपेंडेंट एमएलए के सपोर्ट लेटर के साथ पर्रिकर ने उसी रात गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया।
- गडकरी कहते हैं कि पर्रिकर को राजी करना पार्टी के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं था, क्योंकि वो अक्सर कहा करते थे कि दिल्ली में उनके दोस्त नहीं है और उन्हें गोवा के खाने की याद आती है। एमजीपी, जीएफपी और इंडिपेंडेंट एमएलए के सपोर्ट लेटर के साथ पर्रिकर ने उसी रात गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया।
गोवा असेंबली में क्या स्थिति है?
पार्टी विधायक
- कांग्रेस - 17
- बीजेपी - 13
- जीएफपी- 03
- एमजीपी - 03
- एनसीपी - 01
- निर्दलीय- 02
- पर्रिकर को बीजेपी के 13 विधायकों के अलावा जीएफपी के 3, एमजीपी के 3, निर्दलीय 2 और एनसीपी के 1 विधायक ने सपोर्ट दिया है।
- कांग्रेस - 17
- बीजेपी - 13
- जीएफपी- 03
- एमजीपी - 03
- एनसीपी - 01
- निर्दलीय- 02
- पर्रिकर को बीजेपी के 13 विधायकों के अलावा जीएफपी के 3, एमजीपी के 3, निर्दलीय 2 और एनसीपी के 1 विधायक ने सपोर्ट दिया है।
- इस तरह पर्रिकर कांग्रेस के 17 विधायकों को छोड़कर असेंबली के बाकी बचे सारे विधायकों का सपोर्ट हासिल कर चुके हैं।
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