लखनऊ. योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सीएम पद की शपथ ली। 22 कैबिनेट, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 13 राज्यमंत्री भी बनाए गए हैं। कांशीराम स्मृति उपवन में हुए समारोह में नरेेंद्र मोदी, अमित शाह और लालकृष्ण अाडवाणी समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। सेरेमनी में 9 राज्यों के सीएम भी मौजूद थे। मुलायम-अखिलेश यादव भी शपथ ग्रहण में पहुंचे। सरकार में 19% बाहरी यानी दूसरे दलों से आए 9 नेता मंत्री हैं। 61% नए चेहरे हैं। अखिलेश सरकार में 15 मंत्री मुस्लिम समुदाय से थे। 15 साल बाद बनी बीजेपी सरकार में सिर्फ एक ही मुस्लिम मंत्री है। 36% मंत्री पिछड़े, 55% अगड़े हैं। यहां DainikBhaskar.com आपको टीम योगी के बारे में बता रहा है। ये नेता हैं बाहरी...
1) अर्थशास्त्र: 75% मंत्री करोड़पति, मुख्यमंत्री सहित 6 मंत्री लखपति
- 29 नेता पहली बार बने मंत्री। मंत्रिमंडल का 61%।
- 5 मंत्री नेताओं के परिवार से। मंत्रिमंडल का 09%।
- 55 साल औसत उम्र, 26 साल के संदीप सबसे युवा, 73 के राजेश अग्रवाल सबसे बुजुर्ग मंत्री।
- 29 नेता पहली बार बने मंत्री। मंत्रिमंडल का 61%।
- 5 मंत्री नेताओं के परिवार से। मंत्रिमंडल का 09%।
- 55 साल औसत उम्र, 26 साल के संदीप सबसे युवा, 73 के राजेश अग्रवाल सबसे बुजुर्ग मंत्री।
2) राजनीतिशास्त्र; दूसरे दलों से आए 9 नेता मंत्री बने, इनमें 6 बसपा से आए
रीता बहुगुणा- कांग्रेस
नंद गोपाल -कांग्रेस
एसपी बघेल- सपा स्वामी मौर्य- बसपा
दारा और धर्मसिंह- बसपा
बृजेश पाठक- बसपा
लक्ष्मी चौधरी- बसपा
अनिल राजभर- बसपा
एसपी बघेल- सपा स्वामी मौर्य- बसपा
दारा और धर्मसिंह- बसपा
बृजेश पाठक- बसपा
लक्ष्मी चौधरी- बसपा
अनिल राजभर- बसपा
3) 36% मंत्री पिछड़े, 55% अगड़े
47 मंत्री
8 कायस्थ-वैश्य
8 ब्राह्मण
14 ओबीसी
1 मुस्लिम
1 सिख
2 जाट
6 दलित
7 ठाकुर
47 मंत्री
8 कायस्थ-वैश्य
8 ब्राह्मण
14 ओबीसी
1 मुस्लिम
1 सिख
2 जाट
6 दलित
7 ठाकुर
12 देशों में सर्च हुए योगी
- योगी आदित्यनाथ को दुनिया के 12 देशों में सर्च किया गया। लोग उनके केस और पत्नी के बारे में जानना चाहते थे। यूएई में उनकी पत्नी की जानकारी खोजने की कोशिश सबसे ज्यादा हुई। भारतीयों ने योगी के भाषण सबसे ज्यादा सर्च किए। 'योगी आदित्यनाथ लाइव' सर्च में यूएई, सऊदी अरब, ब्रिटेन अमेरिका आगे रहे।
- योगी आदित्यनाथ को दुनिया के 12 देशों में सर्च किया गया। लोग उनके केस और पत्नी के बारे में जानना चाहते थे। यूएई में उनकी पत्नी की जानकारी खोजने की कोशिश सबसे ज्यादा हुई। भारतीयों ने योगी के भाषण सबसे ज्यादा सर्च किए। 'योगी आदित्यनाथ लाइव' सर्च में यूएई, सऊदी अरब, ब्रिटेन अमेरिका आगे रहे।
96 साल से राजनीति में सक्रिय गोरखनाथ मठ के महंत पहली बार बने यूपी के सीएम
- योगी आदित्यनाथ अब सिर्फ गोरखनाथ मठ के महंत ही नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। यह शायद पहला मौका है, जब किसी धार्मिक स्थल का प्रमुख, किसी राज्य का मुख्यमंत्री भी है। पर इसकी नींव आज से 96 साल पहले रख दी गई थी।
- 1921 में गोरखनाथ मठ के महंत दिग्विजय नाथ ने कांग्रेस में शामिल होकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी। अंग्रेजों ने चौरी-चौरा मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया था। ब्रिटिश पुलिसकर्मियों के साथ हुई जिस झड़प के बाद लोगों ने थाने में आग लगा दी थी, महंत दिग्विजय पर उस भीड़ में शामिल होने का आरोप लगा था। वैसे, महंत दिग्विजय और कांग्रेस का साथ 16 साल का ही रहा था।
- महंत दिग्विजय 1937 में हिंदू महासभा में शामिल हो गए। उन्होंने आजादी के बाद राम जन्मभ्ूमि मामले को जोरशोर से उठाया। 1967 में हिंदू महासभा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था।
- योगी आदित्यनाथ अब सिर्फ गोरखनाथ मठ के महंत ही नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। यह शायद पहला मौका है, जब किसी धार्मिक स्थल का प्रमुख, किसी राज्य का मुख्यमंत्री भी है। पर इसकी नींव आज से 96 साल पहले रख दी गई थी।
- 1921 में गोरखनाथ मठ के महंत दिग्विजय नाथ ने कांग्रेस में शामिल होकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी। अंग्रेजों ने चौरी-चौरा मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया था। ब्रिटिश पुलिसकर्मियों के साथ हुई जिस झड़प के बाद लोगों ने थाने में आग लगा दी थी, महंत दिग्विजय पर उस भीड़ में शामिल होने का आरोप लगा था। वैसे, महंत दिग्विजय और कांग्रेस का साथ 16 साल का ही रहा था।
- महंत दिग्विजय 1937 में हिंदू महासभा में शामिल हो गए। उन्होंने आजादी के बाद राम जन्मभ्ूमि मामले को जोरशोर से उठाया। 1967 में हिंदू महासभा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था।
बड़ा सवाल : क्या अब महंत की पदवी छोड़ेंगे योगी?
- योगी आदित्यनाथ के उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के साथ ही चर्चा शुरू हो गई है कि क्या वह गोरक्ष पीठ के महंत का पद छोड़ देंगे? यह सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि प्रदेश की जिम्मेदारियों के साथ पीठ का काम उन पर अतिरिक्त रहेगा। वहां रोज सुबह पूजा पाठ होता है और बाकी प्रशासनिक कामकाज भी हैं।
- ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बढ़ी हुई जिम्मेदारियों के बीच योगी पीठ की जिम्मेदारी किसी और को सौंपेंगे? उन पर चुनावी वादे पूरे करने का दबाव रहेगा। ऐसे में क्या वे गोरखनाथ मंदिर के महंत का पद संभालेंगे?
- इसकी संभावना कम ही दिख रही है। क्योंकि सांसद रहते हुए भी योगी आदित्यनाथ और उनके गुरु महंत अवेद्यनाथ अपनी मठ की भूमिका को निभाते रहे हैं।
- योगी आदित्यनाथ के उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के साथ ही चर्चा शुरू हो गई है कि क्या वह गोरक्ष पीठ के महंत का पद छोड़ देंगे? यह सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि प्रदेश की जिम्मेदारियों के साथ पीठ का काम उन पर अतिरिक्त रहेगा। वहां रोज सुबह पूजा पाठ होता है और बाकी प्रशासनिक कामकाज भी हैं।
- ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बढ़ी हुई जिम्मेदारियों के बीच योगी पीठ की जिम्मेदारी किसी और को सौंपेंगे? उन पर चुनावी वादे पूरे करने का दबाव रहेगा। ऐसे में क्या वे गोरखनाथ मंदिर के महंत का पद संभालेंगे?
- इसकी संभावना कम ही दिख रही है। क्योंकि सांसद रहते हुए भी योगी आदित्यनाथ और उनके गुरु महंत अवेद्यनाथ अपनी मठ की भूमिका को निभाते रहे हैं।
ये बनें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार
#अनुपमा जायसवाल- व्यापारी वर्ग से हैं।
#सुरेश राणा- मुजफ्फरनगर के थाना भवन से जीते हैं। वेस्ट यूपी का बड़ा चेहरा। मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी हैं। कट्टर हिंदुत्ववादी इमेज है। बीजेपी में राजपूत चेहरा माने जाते हैं।
#उपेंद्र तिवारी- बलिया की फेफना सीट से विधायक बने। दूसरी बार चुनाव जीते हैं। सपा से बसपा में आए कद्दावर नेता अंबिका चौधरी को उपेंद्र तिवारी ने हराया है।
#डॉ. महेंद्र सिंह- ओडिशा में बीजेपी की जीत में अहम योगदान। विधान परिषद के सदस्य हैं। प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। राजनाथ सिंह के करीबी हैं।
#भूपेंद्र सिंह चौधरी- मुरादाबाद जिले से आते हैं। वेस्ट यूपी में जाटों के बड़े नेता हैं। यूपी विधान परिषद सदस्य हैं। 1990 से बीजेपी में कई पदों पर रहे।
#धर्म सिंह सैनी- सहारनपुर की नकुड़ सीट से इमरान मसूद को हराया। पिछड़ी जाति से हैं। यूपी के पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। बीएसपी से बीजेपी में आए हैं। आयुर्वेद के डॉक्टर हैं।
#अनिल राजभर- पूर्वी यूपी में राजभरों का वोट बहुत अच्छा है। उनके बीजेपी में होने से पार्टी को फायदा हुआ। ये बीजेपी का राजभर का चेहरा हैं।
#उपेंद्र तिवारी- बलिया की फेफना सीट से विधायक बने। दूसरी बार चुनाव जीते हैं। सपा से बसपा में आए कद्दावर नेता अंबिका चौधरी को उपेंद्र तिवारी ने हराया है।
#डॉ. महेंद्र सिंह- ओडिशा में बीजेपी की जीत में अहम योगदान। विधान परिषद के सदस्य हैं। प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। राजनाथ सिंह के करीबी हैं।
#भूपेंद्र सिंह चौधरी- मुरादाबाद जिले से आते हैं। वेस्ट यूपी में जाटों के बड़े नेता हैं। यूपी विधान परिषद सदस्य हैं। 1990 से बीजेपी में कई पदों पर रहे।
#धर्म सिंह सैनी- सहारनपुर की नकुड़ सीट से इमरान मसूद को हराया। पिछड़ी जाति से हैं। यूपी के पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। बीएसपी से बीजेपी में आए हैं। आयुर्वेद के डॉक्टर हैं।
#अनिल राजभर- पूर्वी यूपी में राजभरों का वोट बहुत अच्छा है। उनके बीजेपी में होने से पार्टी को फायदा हुआ। ये बीजेपी का राजभर का चेहरा हैं।
ये भी पढ़े:
सरकार किसी से भेदभाव नहीं करेगी: CM का चार्ज संभालने के बाद बोले आदित्यनाथ
अखिलेश की ओर इशारा कर बोले मुलायम, हंस दिए मोदी: PM के कान में भी कुछ कहा
INSIDE STORY: भागवत ने किया मोदी को फोन और तय हो गया योगी का नाम
मुसलमानों से भेदभाव मत करना: योगी के सीएम बनने पर बोले पिता आनंद सिंह
DB Interview: मुस्लिम ये सोचें कि उनका इलाका ही अति संवेदनशील क्यों होता है - CM बनने से पहले योगी
अखिलेश की ओर इशारा कर बोले मुलायम, हंस दिए मोदी: PM के कान में भी कुछ कहा
INSIDE STORY: भागवत ने किया मोदी को फोन और तय हो गया योगी का नाम
मुसलमानों से भेदभाव मत करना: योगी के सीएम बनने पर बोले पिता आनंद सिंह
DB Interview: मुस्लिम ये सोचें कि उनका इलाका ही अति संवेदनशील क्यों होता है - CM बनने से पहले योगी
0 comments:
Post a Comment