
मुंबई/लाहौर.पाकिस्तान ने कहा है कि भारत सरकार मुंबई हमलों के 24 गवाहों को उनके बयानात दर्ज कराने के लिए पाक नहीं भेजना चाहती। रावलपिंडी की एक एंटी-टेरर कोर्ट में मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील ने यह दलील दी। बता दें कि रावलपिंडी की अडियाला जेल के अंदर बनी कोर्ट में चार महीने बाद इस केस की सुनवाई शुरू हुई है। मुंबई हमले नवंबर 2008 में हुए थे। 7 साल से पेंडिंग है केस...
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि भारत न सिर्फ गवाहों को भेजने से इनकार कर रहा है, बल्कि वह दोबारा जांच कराए जाने की मांग कर रहा है।
- प्रॉसिक्यूशन ने कहा कि मुंबई हमलों का केस यहां 7 साल से पेंडिंग है। इस केस को तब तक आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, जब तक भारतीय गवाहों के बयान दर्ज न हों।
- इस मामले में कोर्ट 22 मार्च को अगली सुनवाई करेगा।
- इस मामले में कोर्ट 22 मार्च को अगली सुनवाई करेगा।
भारत ने क्या कहा था?
- पाकिस्तान ने 24 गवाहों को भारत भेजने की मांग करते हुए लेटर भेजा था। इसके जवाब में भारत ने कहा था कि पाकिस्तान पहले इस मामले की दोबारा जांच कराए। साथ ही भारत के दिए सबूतों की बुनियाद पर जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए।
- इस पर पाकिस्तान ने कहा था कि जब तक हमें पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते, तब तक हम किसी भी संदिग्ध के खिलाफ मुकदमा नहीं चला सकते। अगर भारत सईद के खिलाफ पुरजोर सबूत देगा तो हम मुकदमा चलाएंगे। लखवी को इसलिए रिहा किया गया था, क्योंकि उसके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं थे।
- इस पर पाकिस्तान ने कहा था कि जब तक हमें पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते, तब तक हम किसी भी संदिग्ध के खिलाफ मुकदमा नहीं चला सकते। अगर भारत सईद के खिलाफ पुरजोर सबूत देगा तो हम मुकदमा चलाएंगे। लखवी को इसलिए रिहा किया गया था, क्योंकि उसके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं थे।
सईद के सिर है 670 करोड़ रुपए का ईनाम
- मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ यूएन ने 670 करोड़ रुपए का ईनाम रखा है। उसे 2009 में कोर्ट ने छोड़ दिया था। हालांकि, यूएस में ट्रम्प के प्रेसिडेंट बनने के बाद 30 जनवरी को उसे पाकिस्तान में नजरबंद किया गया।
मुंबई हमलों की साजिश में शामिल थे ये आतंकी
- मुंबई हमलों की साजिश रचने वालों में लखवी शामिल था। लखवी और उसके साथियों अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाल, जामिल अहमद और यूनुस अंजुम पर हत्याओं के लिए उकसाने, हत्या की कोशिश करने और मुंबई हमलों को अंजाम देने का आरोप है।
- 22 महीने पहले लखवी जमानत पर रिहा हो चुका है। वह अभी कहां है, इसका खुलासा नहीं हुआ है। बाकी छह आरोपी रावलपिंडी की जेल में हैं।
- हाफिज सईद को पाकिस्तान इस हमले में शामिल नहीं मानता।
- बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में घुसे 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने अलग-अलग जगहों पर हमले किए थे। इनमें 166 लोगों की मौत हुई थी। 9 आतंकी मारे गए थे। जबकि कसाब को जिंदा पकड़ा गया। उसे बाद में फांसी दी गई।
- 22 महीने पहले लखवी जमानत पर रिहा हो चुका है। वह अभी कहां है, इसका खुलासा नहीं हुआ है। बाकी छह आरोपी रावलपिंडी की जेल में हैं।
- हाफिज सईद को पाकिस्तान इस हमले में शामिल नहीं मानता।
- बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में घुसे 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने अलग-अलग जगहों पर हमले किए थे। इनमें 166 लोगों की मौत हुई थी। 9 आतंकी मारे गए थे। जबकि कसाब को जिंदा पकड़ा गया। उसे बाद में फांसी दी गई।
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